लेखनी कहानी -14-Jun-2024
शीर्षक - अपनों से दूर
अपनों से दूर आज की कहानी का शीर्षक की हमें बताता है कि अपनों से दूर क्योंकि आज आधुनिक समय में हम सभी मुख्य अपने विचार और अपनी सोच के साथ-साथ अमीरी गरीबी बहुत से ऐसे विचार होते हैं जो हमें अपनों से दूर ले जाते है। सच तो आज हम अकेले परिवार की चाहत रखते हैं। आज से कुछ वर्षों बाद की बात करें। तब हम सभी एकल परिवार में मिलजुल कर रहते थे परंतु आज का दौरा अकेले परिवार का हो चुका है। राकेश एक बहुत समझदार परिवार का लड़का है परंतु राकेश के ताे आजकल अकेले-अकेले परिवार को देखकर वह यही कहता था कि आज हम सब अपनों से दूर हो चुके हैं क्योंकि हम अपनों से दूर इसलिए भी हो जाते हैं आर्थिक स्थिति और आचार विचार के साथ भी हम अपनों से दूर रहते हैं। और अपनों से दूर का महत्व एक दूसरे की धन संपत्ति या एक दूसरे का व्यवहार में हम सबको अपने दूर कर देता है। और आज आधुनिक युग में हम सभी एक दूसरे की सेवा भाव नहीं करते हैं। और हम सभी धीरे-धीरे अपने विचारों से अपनों से दूर होते जाते हैं। सामान्य अपनों से दूरी का कारण धन और पैसा भी एक मुख्य भूमिका निभाता है। हम सभी अपने घर में चार-पांच भाई बहन और तू चाचा चाची की बच्चे एक साथ मिलकर रहते थे परंतु समय के साथ-साथ बदलाव होने का मुख्य कारण हम सब रंके खर्च अनियंत्रित हो चुके। राकेश खूबसूरत नौजवान और अपने जीवन में पढ़ लिखकर एक अच्छा व्यापारी बनता है और उसके नाम से उसी की घर में रहने वाले चाचा ताऊ ताई आदि उसकी तरक्की से ईर्ष्या करते हैं। यही कारण से हम कभी कभी ।भी अपने से दूर हो जाते हैं। और राकेश भी अपनी मानसिकता के साथ-साथ बाहर के लोगों से मेलजोल बड़ा लेता है। क्योंकि अपनों के साथ रहकर हम सभी एक दूसरे से समानता के साथ धन और खर्च सोच समझकर जीवन में हम सभी करती है क्योंकि आज के समय में अपनों से दूर ही पैसा और हमारी एक दूसरी विचारधारा करती है। अपने से दूर हम कहानी के रूप में पढ़ तो रहे हैं परंतु आज के युग में अपने होते ही काम और आजकल के रिश्ते जो अपनों के साथ होते हैं स्वार्थ और फरेब के साथ होते है। और हम सभी एक दूसरे से दूर होकर चले जाते है। राकेश भी जिस शहर में नौकरी करता है। मैं अपनों से दूर ही रहता है क्योंकि हम अपनों से ज्यादा अजनबियों पर ज्यादा विश्वास करते हैं क्योंकि एक दूसरी की प्रतिस्पर्धा और जलन भावनाएं नहीं होती है इसलिए आज हम सभी अपनों से दूर हो चुके हैं। ***************"""" नीरज अग्रवाल चंदौसी उ.प्र
Babita patel
03-Jul-2024 08:44 AM
👍👍👍
Reply
Anjali korde
16-Jun-2024 11:46 PM
V nice
Reply